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काली सलवार और अन्य कहानियाँ / सादत हसन मंटो

By: Material type: TextTextPublisher: नई दिल्ली : राजपाल, c2017Description: 158 pages ; 21 cmContent type:
  • text
Media type:
  • unmediated
Carrier type:
  • volume
Subject(s): DDC classification:
  • 23 891.436 MAN 012215
Summary: अगर आपको मेरी कहनियाँ अश्लील या गन्दी लगती है , तो जिस समाज में आप रह रहे है , वह अशलील और गन्दा है . मेरी कहनियाँ तो केवल सच दर्शाती है .....अक्शर ऐसा कहते थे मंटो जब उन पर अश्लीलता के इल्जाम लगते . बेबाक सच लिखने वाले मंटो बहुत से ऐसे मुदो पर भी लिखते जिन्हें उस समय के समाज में बंद दरवाजो के पीछे दबा कर, छुपा कर रखा जाता था . सच सामने लाने के साथ, कहानी कहने की अपनी बेमिसाल अदा और उर्दू जबान पर बेजोड़ पकड़ ने सआदत हसन मंटो को कहानी का बेताज बादशाह बना दिया . मात्र 43 सालो की जिन्दगी में उन्होंने 200 से अधिक कहानियाँ , एक उपन्यास , तीन निबन्ध संग्रह और अनेक नाटक ,रेडियो और फिल्म पटकथा लिखी . फ्रेंच और रूसी लेखको से प्रभावित , वामपंथी सोच वाले मंटो के लेखन में सचाई को पेश करने की ताकत है जो लम्बे अर्से तक पाठक के दिलो दिमाग पर अपनी पकड़ बनाए रखती है २०१२ मे पूरे हिन्दुतान में मनाई गयी मंटो की जन्म -शताब्दी इस बात का सबूत है की मंटो आज भी अपने पाठकों और प्रशंसकों के लिए जिन्दा है---
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Book Book Indian Institute for Human Settlements, Bangalore 891.436 MAN 012215 (Browse shelf(Opens below)) Available 012215

अगर आपको मेरी कहनियाँ अश्लील या गन्दी लगती है , तो जिस समाज में आप रह रहे है , वह अशलील और गन्दा है . मेरी कहनियाँ तो केवल सच दर्शाती है .....अक्शर ऐसा कहते थे मंटो जब उन पर अश्लीलता के इल्जाम लगते . बेबाक सच लिखने वाले मंटो बहुत से ऐसे मुदो पर भी लिखते जिन्हें उस समय के समाज में बंद दरवाजो के पीछे दबा कर, छुपा कर रखा जाता था . सच सामने लाने के साथ, कहानी कहने की अपनी बेमिसाल अदा और उर्दू जबान पर बेजोड़ पकड़ ने सआदत हसन मंटो को कहानी का बेताज बादशाह बना दिया . मात्र 43 सालो की जिन्दगी में उन्होंने 200 से अधिक कहानियाँ , एक उपन्यास , तीन निबन्ध संग्रह और अनेक नाटक ,रेडियो और फिल्म पटकथा लिखी . फ्रेंच और रूसी लेखको से प्रभावित , वामपंथी सोच वाले मंटो के लेखन में सचाई को पेश करने की ताकत है जो लम्बे अर्से तक पाठक के दिलो दिमाग पर अपनी पकड़ बनाए रखती है २०१२ मे पूरे हिन्दुतान में मनाई गयी मंटो की जन्म -शताब्दी इस बात का सबूत है की मंटो आज भी अपने पाठकों और प्रशंसकों के लिए जिन्दा है---

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